स्क्रीनशॉट को एक कानूनी सबूत के तौर पर पेश तो जान लो यह नियम

क्या स्क्रीनशॉट को एक कानूनी सबूत के तौर पर पेश किया जा सकता है अगर हां तो कौन सी धारा में और किस तरीके से 


क्या स्क्रीनशॉट को डिजिटल सबूत माना जाएगा अगर हां तो क्या उसके लिए असल डिवाइस की जरूरत पड़ेगी शॉट्स के सूरमा और रील के रंगबाज के बीच आजकल इस पर खूब बात हो रही है यह सवाल इसलिए भी मौजूद है क्योंकि ए.आई. के जमाने में स्क्रीनशॉट को एडिट करना और कैप्चर करने से भी ज्यादा आसान है भतेरे एआई टूल्स उपलब्ध हो गए हैं जो मनमाफिक text स्क्रीनशॉट में भर सकते हैं हमने बात की सुप्रीम कोर्ट में वकील प्राची प्रताप से उन्होंने बताया कि नाम वाला स्क्रीनशॉट किसी काम का नहीं यह सबसे जरूरी पॉइंट है याने आपके पास स्क्रीनशॉट है फिर वो चाहे एसएमएस का हो या whatsapp का सबूत के तौर पर इस्तेमाल करना है तो उस नाम को फोन बुक में से हटा दीजिए सिर्फ नंबर सेव कीजिए जो स्क्रीनशॉट के सबसे ऊपर फड़फड़ा आता नजर आएगा स्क्रीनशॉट को बीएनएस के सेक्शन 63 में सबूत के तौर पर मान्यता दी गई है हालांकि इसका एक प्रोसेस है मतलब कोर्ट में ऐसे जेब से फोन निकालकर जज साहब के सामने नहीं कह सकते कि जनाब ये रहा सबूत सेक्शन 63 (4) c के अंतर्गत स्क्रीनशॉट को सर्टिफिकेट की जरूरत होगी इसके दो पार्ट होंगे 

पार्ट ए - जिसमें स्क्रीनशॉट लेने वाला बताता है कि उसी ने इसको कैप्चर किया किस डिवाइस में किया कब किया वगैरह वगैरह 

पार्ट बी - मतलब सबूत को एक्सपर्ट से मिलेगा ओके मतलब हर बारीक डिटेल जैसे कौन सा फोन है मॉडल नंबर आईएमआई और स्क्रीनशॉट की तारीख से लेकर समय तक ये सारी जानकारी स्क्रीनशॉट या फोटो में होती है बस उसको एक्सपर्ट से वेरीफाई होना चाहिए स्क्रीनशॉट जिस डिवाइस से लिया गया है अगर वह सबूत के तौर पर पेश किए गया तो फिर पार्ट ब सर्टिफिकेट की जरूरत ही नहीं है


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Vivo V50 Review: बेस्ट कैमरा और परफॉर्मेंस वाला स्मार्टफोन?

जानिये Reliance Jio Coin केे बारे में